एक मुल्क
जहाँ भगवान के नाम पर 
बेटियों को छोड़ देते हैं 
जैसे मुर्गी और बकरियाँ ।
जवान होते-होते
बाजू पकड़
किसी कोने जाकर
भोग लो, कौन देखेगा ?
न घर, न द्वार
भगवान की हैं 
बकरियाँ
देवदासी 
उन्हें कहते हैं।
मूल मराठी से अनुवाद :  नितिन पाटील