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देस में भी हूँ मिस्ले परदेसी / सुरेश सलिल
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देस में भी हूँ मिस्ले परदेसी
फिर शिकायत किसी से क्यूँकर हो
अपने हिस्से की मैंने ख़ुद ले ली
फिर शिकायत किसी से क्यूँकर हो
कुल जहाँ है गिरफ़्ते ख़ूँरेजी
फिर शिकायत किसी से क्यूँकर हो
घर गिरिस्ती के साथ दरवेशी
फिर शिकायत किसी से क्यूँकर हो
इतना बेआबरू हूँ पहले ही
फिर शिकायत किसी से क्यूँकर हो