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देहदान / असंगघोष
Kavita Kosh से
यदि
मर कर
दफन होना है तो
मरने से डरता हूँ
क्योंकि कब्र में
दम घुटता है
दम घुटता है
कब्र में
ढेर सारी मिट्टी के नीचे
मैं हिल-डुल भी नहीं पाऊँगा
जलाओगे तो
बहुत तकलीफ होगी
जरा से जल जाने पर
माँ कसम
जान निकल जाती है
फिर ढेर सारी
लकड़ियों के साथ जलने में
मेरी चीख कौन सुनेगा
चाहो तो
खुला छोड़ देना
मेरे मरने पर
वहाँ भी नोंचने भय है
इसलिए
मेरे मरने तक
मेरी चौकसी
जरूर करना
बाद मरने
मेरी देह को
दान कर देना...