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दैया रे दैया रे चढ़ गयो पापी बिछुआ / शैलेन्द्र

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ओ बिछुआ
हाय रे
पीपल छैंया
बैठी पल भर
हो
धर के गगरिया
हाय रे

ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ओ हाय\-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
ओ हाय\-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ

कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ \-२
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ

मन्तर फेरूँ हूँ
कोमल काया ओ
छोड़ के जा रे

ओ और भी चढ़ गयो
ना गयो पापी बिछुआ
ओ और भी चढ़ गयो
ना गयो पापी बिछुआ
कैसी आग लगा गयो पापी बिछुआ
ओ कैसी आग लगा गयो पापी बिछुआ
सारे बदन पे छा गयो पापी बिछुआ
सारे बदन पे छा गयो पापी बिछुआ

कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ \-२
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ

हाय रे
मन्तर झूठा
बैद भी झूठा
पिया घर आ रे

देखो रे देखो रे
देखो उतर गयो बिछुआ
ओ देखो रे देखो रे
देखो उतर गयो बिछुआ
हे टूट के रह गयो
डन्क उतर गयो बिछुआ
ओ टूट के रह गयो
डन्क उतर गयो बिछुआ
सैंया को देख के
जाने किधर गयो बिछुआ
ओ सैंया को देख के
जाने किधर गयो बिछुआ

कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ