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दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-1 / दिनेश बाबा

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1
शिक्षा देलक जे गुरू, बनी करी उस्ताद
‘बाबा’ हुनका करै छै, श्रद्धा पूर्वक याद

2
ध्यान करै छी ईस के, गौरी पूत गणेस
विध्न विनायक, एकदंत, सुमिरन करै दिनेस

3
धन, वैभव, कीरति मिलै, दूरो करै कलेस
‘बाबा’ नित सुमिरन करै, गनपति, उमा-महेस

4
करौं वंदना ईस के, जें दै छै वरदान
कृपा करै मां भगवती, जौनें दैछै ज्ञान

5
वाहे गुरू, रब्बे खुदा, गाॅड, शिवम आ राम
थोक भाव में भक्ति दै, बिन लेले कुछ दाम

6
प्रथम पूज्य विध्नेश छै, शिव गौरी के पूत
‘बाबा’ जिनकर कृपा सें, भक्ति हुवै मजगूत

7
जनहितकारी छै बहुत, लछमी पति भगवान
सब पर रहै सहाय छै, राम-भक्त हनुमान

8
राम चरित खुद में बड़ो, अदभुत अगम अपार
जें भजतै श्रीराम केॅ, होतै बेड़ापार