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दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-70 / दिनेश बाबा
Kavita Kosh से
553
बेचारी पुलिसो छिकै, झेलै सदा दबाव
औडरली चाकर जकां, पहिनें करै बचाव
554
‘बाबा’ नेता ही छिकै, कलियुग के भगवान
खोंट छिकै कांहीं अगर, छिकै ऊ संविधान
555
‘बाबा’ फेनू सें करोॅ, संविधान कंपोज
लचर बड़ी कानून छै, खिच खिच मचवै रोज
556
होलो छै कानून के, आबेॅ यहाँ मखौल
अपराधी रोजे बचै, खोली दै छै पोल
557
खून करी कातिल बचै, प्लीडर करै बचाव
बंद रही केॅ जेल में, जीतै यहाँ चुनाव
558
न्याय यहाँ अजबे छिकै, अजब यहाँ के लाव
न्यायालय केॅ चाहियो, सब के करै बचाव
559
नेता कहिने नी सजा, न्यायालय सें पाय
जिनकर कद के सामने, न्याय लगै निरूपाय
560
जन प्रतिनिधि के नाम पर, बड़का बचिये जाय
लगै गरीब केॅ, से कहिनों छै न्याय