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दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-88 / दिनेश बाबा

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697
सर्दी, खांसी, वात, कफ, माथा दर्द, बुखार
च्यवनप्राश सेवन करी, स्वस्थ हुवै बीमार

698
सर्दी खांसी ज्वर हुवै, खैय्यै फेरमफाॅस
ढेर रोग में ई दवा, बाबा ऐथौं रास

699
प्रेम भाव सबसें रखोॅ, सबके रखोॅ खियाल
चोट खाय छै प्रेम जब, बनै अंगुली माल