भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दो पीढियाँ / हरिवंशराय बच्चन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुंशी जी तन्नाए
पर जब उनसे कहा गया,
ऎसा जुल्म और भी सह चुके हैं
तो चले गए दुम दबाए।

xxx

मुंशी जी के लड़के तन्नाए,
पर जब उनसे कहा गया,
ऎसा ज़ुल्म औरों पर भी हुआ है
तो वे और भी तन्नाए।