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दो स्त्रियाँ थीं / कात्यायनी
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दो स्त्रियाँ थीं
एक ने प्यार किया इसी देशकाल में
सच्ची-मुच्ची का ।
वह इसी देशकाल की
होकर रही ।
दूसरी ने सोचा देशकाल के बारे में
प्यार न कर सकी
पर उसने लिखीं
दुनिया की सबसे अच्छी प्रेम कविताएँ ।
रचनाकाल : जुलाई 1997