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धम-धम-धम / श्रीप्रसाद
Kavita Kosh से
धम-धम-धम, भागे हम
भागी छाया छम-छम-छम
बंदर आया, शोर मचाया
डर से हुए सभी बेदम
धम-धम-धम, भागे हम
दाँत दिखाता, मुँह मटकाता
कूद पड़ा घर में घम-घम
धम-धम-धम, भागे हम
फिर वह खोंखा, पकड़े मोखा
लिए हाथ में डाल नरम
धम-धम-धम, भागे हम
बंदर भाई, चखो मलाई
हम-तुम सथ रहें हरदम
धम-धम-धम, भागे हम
नहीं डराना, घर में आना
ढोल बजाना ढम-ढम-ढम
धम-धम-धम, भागे हम।