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धीरे धीरे आ रे बादल / प्रदीप

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धीरे धीरे आ रे बादल धीरे धीरे आ रे
बादल धीरे धीरे जा
मेरा बुलबुल सो रहा है शोरगुल ना मचा

रात धुंधली हो गयी है
सारी दुनिया सो गयी है
सह्जला के कह रही हैं
फूल क्यारी में
सो गयी लैला किसी के इंतजारी में
मेरी लैला को ओ बादल तू नज़र ना लगा
मेरा बुलबुल सो रहा है शोरगुल ना मचा
धीरे धीरे...

ओ गाने वाले धीरे गाना
गीत तू अपना
क्यों ?
अरे टूट जाएगा किसी की आँख का सपना
चुपके चुपके कह रहा है मुझसे मेरा दिल
आ गयी देखो मुसाफिर प्यार की मंजिल

कौन गाता है रुबाई रे
फिर ये किसकी याद आई रे
किस ने पहना दी है बोलो
किस ने पहना दी है मुझको प्रेम की माला
किस ने मेरी ज़िन्दगी का रंग बदल डाला
तुम कहोगे प्रीत इस को तुम कहोगे प्यार
मैं कहूँ दो दिल मिले हैं खिल गया संसार
दो दिलों की ये कहानी तू भी सुनता जा
ओ बादल तू भी सुनता जा !