- सवैया
- सवैया
धुनि पुरि रहै नित काननि में ,
अज कों उपराजिबोई सी करै .
मन मोहन गोहन जोहन के , अभिलाख समाजिबोई सी करै .
‘घनआनन्द’ तिखिये ताननि सों , सर से सुर साजिबोई सी करै .
कित तें यह बैरिन बांसुरिया, बिन बाजेई बाजिबोई सी करे .
धुनि पुरि रहै नित काननि में ,
अज कों उपराजिबोई सी करै .
मन मोहन गोहन जोहन के , अभिलाख समाजिबोई सी करै .
‘घनआनन्द’ तिखिये ताननि सों , सर से सुर साजिबोई सी करै .
कित तें यह बैरिन बांसुरिया, बिन बाजेई बाजिबोई सी करे .