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धृतराष्ट्र चिन्ता / लोकगीता / लक्ष्मण सिंह चौहान

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पियारा संजय बतैहो लड़ाय के बतिय्य।
कोना झांकी लगैबैय कुरू छेत बगिया॥टेक॥
धरम भूमि कुरूक्षेत्र हमरो पाण्डव पुत्र।
जुमि जुमि सेनमा मगावैय हो सांवलिया॥ कुरू छेत॥
लरैले भिरेले रामा किय किय करता हो।
नयन-विहीन कोना जानू हो सांवलिया॥