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धोंन कमाय के धरलक चाल / छोटे लाल मंडल

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धोंन कमाय के धरलक चाल

धोंन कमाय के धरलक चाल
मांथा पर जट्टो खंजूरी पै ताल,
भस्मी रमाय के बेटा बाँटै
चूट्टा में छै शंकर लाल।
कोय झारै छै तंतर मंतर,
कोय बांधै छै तावीज यंतर,
कोय ते सक्कत भूत उतारै
कोय गेलौ छै भीतर भीतर।

दुनियां के दसतूर यहै छै,
आंखी में घूरा झोकै छै,
पंडित जी नें ग्रह बतावै,
पुजारी घंटी बजावै छै।

पढुवा सवने देखै तमासा
अनपढुवा छै मालौ माल,
अन्नों धनों से कोठी भरलों
अंधविश्वासों के फेकै जाल।

जाल एक दिन काल वनतै
फसतै भव के खाही में,
मारतै हंटर लोर चुवैतै
दम घुटतै आवा जाही में।