Last modified on 12 मई 2017, at 14:34

नई दुनिया / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल

हर आदमी के पास
होती है
थोड़ी –सी ताकत
थोड़ी –सी उम्मीद
थोड़ी –सी मुहब्बत
आओ
मिला दें हम
अपनी –अपनी
ताकत उम्मीद और मुहब्बत
जिससे
बन जाए
शायद कोई
नई दुनिया।