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नई दुनिया / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
हर आदमी के पास
होती है
थोड़ी –सी ताकत
थोड़ी –सी उम्मीद
थोड़ी –सी मुहब्बत
आओ
मिला दें हम
अपनी –अपनी
ताकत उम्मीद और मुहब्बत
जिससे
बन जाए
शायद कोई
नई दुनिया।