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नई सजावट / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
मिट्टी से
बने खिलौने
कोई सजाना नहीं चाहता
शहरी लोगों ने घरों में
छोड़ दिया है
आला बनवाना
तोड़ दिए हैं शो केस
अब घरों में रहीं नहीं
जगह
ए.सी. के ऊपर
खिड़की के ऊपर
पड़ी रहती चाबियां, बटुआ
मोबाइल
या लिपस्टिक के साथ
उलझा रहता है
टी.वी. का रिमोट भी
या
गाड़ी की चाबी
खिलौने की जगह
रिमोटी गुड़िया
ताली बजाती है
मिट्टी के गणेश जी को
मुंह चिढ़ाती है