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नए साल / गिरिजा अरोड़ा
Kavita Kosh से
जादुई पिटारा लेकर आओ नए साल
गम को भी खुशियाँ बनाओनए साल
स्वागत को हम खड़े लेकर यही आस
ख्वाहिशों की झोली भर जाओ नए साल
पहलू एक सिक्के के हैं सुख दुख दोनों
सुख बीते जल्दी दुख नहीं आसान
दिन रोशन करता दिनमान
रातों को पूनम बनाओ नए साल
मेहनत को दे दो भाग्य का साथ
कर्म करते बन जाएं कीर्तिमान
सफलता की सीढ़ी चढ़े जहान
तरक्कियों का श्रेय तुम पाओ नए साल
अमन चैन की राह चलें सब
प्यार ऐसा बरसाओ नए साल
जादू की टोपी में डालो कौवे सारे
शांति के कबूतर उड़ाओ नए साल