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नज़दीकी / वीरा
Kavita Kosh से
समुद्र इतना नज़दीक है
कि मुझे उसका
कभी दूर होना
याद ही नहीं
यात्राएँ
उसकी छुअन में घुल गई हैं
पानी में हवा की तरह