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नन्हें पैर / गब्रिऐला मिस्त्राल / अनिल जनविजय

बच्चे के नन्हें पैर
ठण्ड से नीले पड़े हुए
कैसे उन्हें देखकर भी कोई
उन्हें बचाएगा नहीं
ओह, मेरे राम !

नन्हें घायल पैर
कंकड़ों की खरोंचों से घायल
बर्फ़ और मिट्टी में लिथे हुए

मनुष्य अन्धा होता है और यह नहीं देखता
कि जहाँ उसने धरा था पैर अपना
वहाँ एक प्रकाश खिलने लगा
जहाँ उसने रखा था
अपना घायल नन्हा तलुवा
वहाँ एक सुगन्धित पौधा उग रहा है

चूँकि आप चलते हैं
सड़क की सीध में बिना डरे
आप कोई ग़लती नहीं करते
साहसी बने रहते हैं

बच्चे के नन्हें पैर
दो पीड़ित नन्हें रतन
कोई कैसे बिना देखे
गुज़र सकता है उनके पास से।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय

अब अँग्रेज़ी में यही कविता पढ़ें
       Tiny Feet

A child's tiny feet,
Blue, blue with cold,
How can they see and not protect you?
Oh, my God!

Tiny wounded feet,
Bruised all over by pebbles,
Abused by snow and soil!

Man, being blind, ignores
that where you step, you leave
A blossom of bright light,
that where you have placed
your bleeding little soles
a redolent tuberose grows.

Since, however, you walk
through the streets so straight,
you are courageous, without fault.

Child's tiny feet,
Two suffering little gems,
How can the people pass, unseeing.

Gabriela Mistral