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नमन / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
अलविदा !
जग की बहारो
- अलविदा !
ओ, दमकते चाँद
झिलमिलाते सित सितारो
- अलविदा !
पहाड़ो ... घाटियो
ढालो ... कछारो
- अलविदा !
उफ़नती सिन्धु-धारो
- अलविदा !
फड़फड़ाती
मोह की पाँखो,
छलछलाती
प्यार की आँखो
- अलविदा !
अटूटे बंध की बाँहो
अधूरी छूटती चाहो
- अलविदा !
- अलविदा !