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नया क्या है / ओम नीरव
Kavita Kosh से
बता नव-वर्ष इतना तो कि तू लाया नया क्या है?
निशा की भेंट चढ़ने फिर दिवस आया नया क्या है?
खुशी है धूप आँगन की, हवेली हो रही ऊँची;
किसी ने एक मंज़िल और बढ़वाया नया क्या है?
कगारों पर खड़े थे हम, कगारों पर खड़े हैं हम;
लहर को देख पागल मन जो ललचाया नया क्या है?
करोगे जानकर भी क्या कि खुश क्यों डाकिया इतना;
बधाई पत्र से घर-द्वार चमकाया नया क्या है?
चलो कुछ बीज फिर बो दें सभी के साथ मिल हम भी;
करेंगे कल पता 'नीरव' कि अँखुआया नया क्या है?
आधार छंद–विधाता
मापनी–लगागागा लगागागा-लगागागा लगागागा