भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नया पानी / इमरोज़ / हरकीरत हकीर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दरिया हर रोज़
नए पानी संग दरिया होता है
मज़हब भी एक दरिया था
नया पानी न मिलने के कारण
खड़ा पानी बनकर रह गया...