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नया साल / संजीव ठाकुर
Kavita Kosh से
नया साल फिर से आया
नई डायरी,
नया कैलेंडर,
नए-नए तोहफे लाया।
नया साल फिर से आया
नई उमंगें,
नई तरंगें,
नई-नई खुशियाँ लाया।
नया साल फिर से आया
नई ताजगी,
जोश नया,
नए-नए सपने लाया।