आदिहि आदीनाथ अपार। दूजे उदयनाथ उँजियार॥
तीजे प्राननाथ प्रनधारि। चौथे आप नाथ अधिकारि॥
पँचये हरीनाथहीँ आज। छठे अंचभौनाथ बखान॥
सतयँ भये नाथ चौरंगी। अठँय मझिन्दर नाथ सुसंगी॥
नवयँ गोरखनाथ दर्वेश। कर जोरे कीजै परवेश॥
आदिहि आदीनाथ अपार। दूजे उदयनाथ उँजियार॥
तीजे प्राननाथ प्रनधारि। चौथे आप नाथ अधिकारि॥
पँचये हरीनाथहीँ आज। छठे अंचभौनाथ बखान॥
सतयँ भये नाथ चौरंगी। अठँय मझिन्दर नाथ सुसंगी॥
नवयँ गोरखनाथ दर्वेश। कर जोरे कीजै परवेश॥