नवेदे-अम्न है बेदादे दोस्त जाँ के लिए / ग़ालिब
नवेदे-अम्न<ref>शान्ति का सुसमाचार</ref>है बेदादे दोस्त<ref>मित्र का अत्याचार</ref>जाँ के लिए
रही न तर्ज़े-सितम<ref>कष्ट देने का ढंग</ref>कोई आसमाँ के लिए
बला से गर मिज़्गाँ-ए-यार<ref>प्रेमिका की पलकें</ref>तश्ना-ए-ख़ूँ<ref>रक्त-पिपासु</ref>है
रखूँ कुछ अपनी भी मि़ज़्गाँने-ख़ूँफ़िशाँ<ref>रक्तरंजित पलकें</ref>के लिए
वो ज़िन्दा हम हैं कि हैं रूशनासे-ख़ल्क़<ref>संसार से परिचित</ref>- ए -ख़िज्र<ref>एक अवतार</ref>
न तुम कि चोर बने उम्रे-जाविदाँ<ref>शाश्वत जीवन</ref>के लिए
रहा बला में भी मैं मुब्तिला-ए-आफ़ते-रश्क<ref>ईर्ष्या की मुसीबत में गिरफ़्तार</ref>
बला-ए-जाँ<ref>प्राणों का संकट</ref>है अदा तेरी इक जहाँ, के लिए
फ़लक न दूर रख उससे मुझे, कि मैं ही नहीं
दराज़-ए-दस्ती-ए-क़ातिल<ref>क़ातिल के अत्याचार</ref>के इम्तिहाँ के लिए
मिसाल यह मेरी कोशिश की है कि मुर्ग़े-असीर<ref>बन्दी पक्षी</ref>
सरे क़फ़स<ref>पिंजरा</ref>में फ़राहम<ref>उपलब्ध</ref>ख़स<ref>घास</ref>आशियाँ <ref>आशियाना</ref>के लिए
गदा<ref>भिखारी</ref>समझ के वो चुप था मेरी जो शामत आए
उठा और उठ के क़दम, मैंने पासबाँ के लिए
बक़द्रे-शौक़<ref>रुचिकर</ref>नहीं ज़र्फ़े-तंगना-ए-ग़ज़ल<ref>ग़ज़ल के सीमित मैदान में काव्य-साहस</ref>
कुछ और चाहिए वुसअत<ref>विस्तार</ref>मेरे बयाँ<ref>अभिव्यक्ति</ref>के लिए
दिया है ख़ल्क<ref>दुनिया</ref>को भी ता उसे नज़र न लगे
बना है ऐश तजम्मल हुसैन ख़ाँ<ref>एक व्यक्ति विशेष का नाम</ref>के लिए
ज़बाँ पे बारे-ख़ुदाया ये किसका नाम आया
कि मेरे नुत्क़ <ref>शब्द</ref>ने बोसे मेरी ज़ुबाँ के लिए
नसीरे-दौलत-ओ-दीं<ref>धर्म और राज्य के सहायक</ref>और मुईने-मिल्लत-ओ-मुल्क़<ref>देश एवं जाति के सहायक</ref>
बना है चर्ख़े-बरीं<ref>आकाश</ref>जिसके आस्ताँ<ref>दहलीज़</ref>के लिए
ज़माना अह्द<ref>अधीनस्थ</ref>में उसके है मह्वे आराइश<ref>शृंगाररत</ref>
बनेंगे और सितारे अब आसमाँ के लिए
वरक़<ref>पृष्ठ</ref>तमाम हुआ और मदह<ref>प्रशंसा,दाद</ref>बाक़ी है
सफ़ीना<ref>नौका</ref>चाहिए इस बह्रे- बेक़राँ<ref>परेशान समुंदर</ref>के लिए
अदा-ए-ख़ास<ref>विशेष-रूप</ref>से ‘ग़ालिब’ हुआ है नुक़्ता-सरा<ref>काव्य(बारीक़ और ख़ूबसूरत बात)कहने वाला</ref>
सला-ए-आम<ref>सार्वजनिक निमंत्रण</ref>है याराने-नुक़्ता-दाँ<ref>गुण-ग्राही मित्रों</ref>के लिए