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नवो भूगोल / मदन गोपाल लढ़ा
Kavita Kosh से
दो सौ चौसठ
तीन सौ तीस
चार सौ पैंसठ
गिणती कोनी
नांव है गांवां रा
नहर रै सारै
बस्योड़ा
केई जाबक छोटा
तो केई मोटी मंडियां
जठै बजार है
गाड़ी-घोड़ा है
मिनखां रो मेळो है
डील री नसां दांई
नहर
अर लोही दांई
पाणी।