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नसोध हाल बेहाल छ / निमेष निखिल

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नसोध हाल बेहाल छ
बाँचिएकै छ कमाल छ
 
धुजाधुजा छ यो वर्तमान
दुखैदुखको बबाल छ
 
खुसीको कुरा नगर भो
आँसुकै ठूलो आहाल छ
 
नगर विश्वास दुख्छ मन
मान्छेकै मान्छे दलाल छ
 
कसरी जिउने संसारमा
'निखिल'को एउटै सवाल छ।