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नाचै हरि के संग राधा / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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नाचै हरि के संग राधा रास रचे वृन्दावन में
रास रचे वृन्दावन में हो रास रचे वृन्दावन में
नाचै हरि के संग राधा रास रचे वृन्दावन में
ब्रह्मा नाचै, विष्णु नाचै, नाचै काल भुजंग न हो
जटा खोल शिवशंकर नाचे
जमुना उठे तरंग राधा रास रचे वृन्दावन में
नाचै हरि के संग राधा रास रचे वृन्दावन में
ढोलक बाजे, तबला बाजे, और बजे मिरदंग न हो
सब सखियन मिलि नाचन लागे
कृष्ण उड़ावे रंग राधा रास रचे वृन्दावन में
नाचै हरि के संग राधा रास रचे वृन्दावन में