Last modified on 29 जुलाई 2016, at 00:50

नाम बिना भूलो अस बनरे / संत जूड़ीराम

नाम बिना भूलो अस बनरे।
जैसे मीन वारि बिन तलफे विलपत नारि पीव बिनु तन रे।
मर-मर गये भरम नहिं पायो फिर-फिर जात कर्म में सन रे।
जुग-जुग गये अचेत भजन बिनु आसा अंशमरत नहिं मन रे।
जुक्त समार मुक्त पद हेरों वृथा मर्म के जूझत रन रे।
बिन गुरु कृपा पार नहिं लागै जूड़ीराम एकमत ठन रे।