स्त्री का सब कुछ छिपा होता है 
उसके बालों में 
यह बताते हुए वह लड़की 
अपने गीले बाल बिखेर देती है
 
उसके शरीर की त्वचा में 
एक अद्भुत आलोक है 
ग़ज़ब का है साहस 
उसके भीतर 
संकल्प है सब कुछ जान लेने का 
उसने किया है मार्केज़ की कहानियों का 
अनुवाद 
देखी हैं अच्छी फ़िल्में 
अनगिनत 
सपने नहीं देखे उसने हर बार 
दिन में न जाने कितनी बार 
वह काली कॉफ़ी पी जाती है 
रखती है न जाने कितने उपवास 
लेकिन उसमें ख़ूब सारी ताक़त है 
ख़ूब सारा प्यार 
कहती है बहुत विश्वास से 
एक नज़र में जान लेती हैं स्त्रियाँ 
पुरुषों को 
पुरुष नहीं जान पाते 
देखकर भी उन्हें कई बार ।