भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नालायक बेटा / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 

लड़कों को
समझा किसने
किसी ने भी नहीं
माँ ने उसकी शरारत पर परदा डाला
पिता को उसकी भनक भी नहीं पड़ने दी
खर्चें के लिए
अपनी गुल्लक को तोड़ा
माँ ने यही चाहा हमेशा
मेरा बेटा रहे आगे सबसे
बेटा जिसे मिला प्यार
बेशुमार
उसने कद्र ना की
रूपए की, घर की संस्कार की
आज
बेटा हिरासत में है
नकली डिग्री बेचता
गिरफ्तार हुआ
इकलौता बेटा
क्या यही दिन देखना था
डायबिटीज के बूढ़े पिता ने
अस्थमा से पीड़ित पत्नी से कहा