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ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा
गौरी अंगनमा सखि, पारबती अंगनमा
बहिरा साँपक मांड़ब बनाओल, तेलिया देल बन्हनमा हे
धामन साँपक कोड़ो बनाओल, अजगर के देल धरनमा हे,
सखि गौरी...
हरहरा के काड़ा-छाड़ा, कड़ैत के लाओल कंगनमा
पनियादरारि के पहुँची लाओल, ढ़रबा के लाओल ढोलनमा हे,
सखि गौरी...
सुगबा साँप के मुनरी लाओल, नाग के लायल जयशनमा हे
चान्द तारा के शीशा लाओल, मछगिद्धी के अभरनमा हे
सखि गौरी...