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निपल्टो / पूरण पंत 'पथिक'
Kavita Kosh से
जो बि गै वो बौडु नी छ कनो निपल्टो ह्वैगी भैजी
उत्ताराखंडौ पाणि निरसु ,कनो किलै यो ह्वैगी भैजी।
पुंगड़ी / पटळि ली/ द्वाखरी बंजी, कुडी / तिबारी खंद्वार भैजी।
पौ की घंट /ढुंगा निरस्याँ रस्वाडा को गालन बी भैजी।
मोर / बिंयारा / संगाड रूणा, ढ़ैपुरा निरसै गैन भैजी
बल पहाडौ पाणि/ज्वानि ,ब्वग्दा रैग्ये सदनी भैजी।
धुरपळिम खिरबोज निरभगी रून्दो नि ,न हँसदो भैजी
ग्वरबटा का ढुंगा /गारा बाटो ह्यर्दा रंदन भैजी।
इनो असगुन किलै हम खुणि ,लाटा-काला रयां भैजी
बिंडी खाण कमाण पितरकूड़ी बिसरी ग्याँ भैजी।