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नियति / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
मैं जहर नहीं खा पाता
मैं गीत नहीं गा पाता
तब या तो एक दिन
हो जाऊँगा पागल
या
बहुत बहुत नार्मल।