नींद है सपना नहीं है। ये कोई जीना नहीं है। रूप अंदर की चमक है, ये कोई गहना नहीं है। वक़्त की फ़ितरत है चलना, वक़्त को रुकना नहीं है। प्यार खुशियों की कथा है, प्यार को ढोना नहीं है। कह चुका हूँ होंठ सी कर, अब मुझे कहना नहीं है।