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नीत से कुरीतियों का वक्ष चीर दे जो वीर / शिशुपाल सिंह 'निर्धन'

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नीत से कुरीतियों का वक्क्ष चीर दे जो वीर
ज्ञान की मशाल को जलाने वाला चाहिए
लेखनी की धार से, सुधार दे धरण-धूरि
शत्रुओं की स्रष्टि को मिटाने वाला चाहिए
लिए घट राष्ट्र बिघटन की जो भावनाएं
ऐसे घट बालों को घटाने वाला चाहिए
चाहिए न कोई कवि वासना में सना हमे
कवि हमे राष्ट्र को जगाने वाला चाहिए