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नेता बनभो एक दिन नामी / त्रिलोकीनाथ दिवाकर

सुनो-सुनो हो बुधना बाप
भेल्हाैं बुद्धि तोरो साफ

बिलखै बच्चा खाय ल‘ रोटी
खिलाय दियै कि आपनो भोटी
हमरा बातो पर दहो धियान
नै पुरथौं सबके निनान।

मजूरी करला सें कि पेट भरथौं
ऊपरो से देही अलगे जरथौं
खादी कुरता तहूं सिलाबो
धोपी-धापी रोब जमाबो

सब्हैं देथौं तोरा सलामी
नेता बनभो एक दिन नामी
जीहो के अरमान बुतैतै
जखनी टका के बोरा ऐतै।