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नौटंकी / भरत ओला

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उसने कब देखे
तुम्हारे पैने दांत
और नुकीले नाखून

तुम्हारी लच्छेदार भाषा
और ‘स्टाईल’ ने
हमेशा उसका मन मोहा है
तभी तो वह
बोरे<ref>ऊंट के बालों का बना बहुत बड़ा थैला</ref> जेवडे़<ref>बड़ा रस्सा</ref> का सीर<ref>सम्बन्ध</ref> खोकर
तुम्हारे नाम की सांकल<ref>लोहे की छड़ें जिसे गोगापीर के भक्तजन उन्माद में अपने शरीर पर प्रहार करते है</ref> खाता है

शब्दार्थ
<references/>