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न आए की प्रतीक्षा में / केदारनाथ अग्रवाल

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न आए की प्रतीक्षा में
न आए से सम्बद्ध
मैं-
न आए के बोध को
अपने बोध में
जी रहा हूँ
अपने लिए
उसके लिए

रचनाकाल: २१-१०-१९७०