आदमी डूब गए
सिर की उल्टी नावों में
बिना डूबे
अपार सागर में
न दिल में दिया
न आँख में रोशनी
इतिहास लिख गया अँधेरे का
डूबने-डूबने का
रचनाकाल: १३-०५-१९६८
आदमी डूब गए
सिर की उल्टी नावों में
बिना डूबे
अपार सागर में
न दिल में दिया
न आँख में रोशनी
इतिहास लिख गया अँधेरे का
डूबने-डूबने का
रचनाकाल: १३-०५-१९६८