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न बचल तनिको इमान / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना
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न बचल तनिको इमान इहां मत तोरी के।
बेइमानी के खान इहां मत तोरी के॥
कइसन तलवार गर्दन पर आक लटकल।
अब जाएत अप्पन जान इहां मत तोरी के॥
अइसन-अइसन कइसन-कइसन हर दिन हए।
मिलइत हए फरमान इहां मत तोरी के॥
इहां जान के कीमत सस्ता चीज महंग।
हए बसइत इंसान इहां मत तोरी के॥
बनल रहल भगवान जे अप्पन टोला के।
उहे बनल सैतान इहां मत तोरी के॥