बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
न मेरे दान न दायजौ न कछु हम सजनन जोग
कराऔ साजन जू सें विनती।
लिपन पुतन खों धिया दई तपवे कों राम रसोई।
को राजा उलिया पसारियो को सजना गिन गिन देवै।
कराऔ साजन जू...
दशरथ राजा उलिया पसारियो जनकजू राजा गिन गिन देवैं।
कराऔ साजन जू...
जाओ साजन घर आपने जातन हुइहै अबेर।
तुमाये धिया हो तो अदले कौ बदलो बहोरियौ।
कराऔ साजनजू सें विनती।