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न यह याद रहता है मुझे / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
न यह याद रहता है मुझे
न वह;
बस याद रहता है मुझे
रंग रोर;
फैलता फूलता फलता : अछोर;
डूबता हूँ जिसमें मैं
- और डूबती हो तुम :
एक दूसरे को अंक में समोए
- भाव से विभोर ।