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न शिकायतें न गिला करे / अमजद इस्लाम
Kavita Kosh से
न शिकायतें न गिला करे
कोई ऐसा शख्स हुआ करे
जो मेरे लिए ही सजा करे
मुझ ही से बातें किया करे
कभी रोये जाये वो बेपनाह
कभी बेतहाशा उदास हो
कभी चुपके चुपके दबे क़दम
मेरे पीछे आ कर हंसा करे
मेरी कुर्बतें, मेरी चाहतें
कोई याद करे क़दम क़दम
मैं तवील सफ़र में हूँ अगर
मेरी वापसी की दुआ करे