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पंचतत्त्व / अंकावली / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’

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क्षितिक सहज क्षय प्रकृति विकृति जत जगतक आकृति
गन्धवती नासिका विषय कर्षण गुरुता प्रति
सलिल द्रवित शीतल निम्नग रसना रस ग्राही
अनल रूप दृग - विषय ऊर्ध्वगति दीपित दाही
पवन सतत गतिमय परस त्वचा - अग्र तीर्यक् गमन
श्रवण विषय गुण शब्दमय पंच तत्त्व अन्तिम गगन