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पंजाब में ये खून की होली तौबा / रतन पंडोरवी

पंजाब में ये खून की होली तौबा
फिर मौत की यूँ आंख मिचोली तौबा
बदली हैं ज़माने की निगाहें कैसी
इख्लास के पहलू में करोली तौबा।

नाज़िल है ये क्या कहरे-इलाही तौबा
हर सम्त क़ियामत की तबाही तौबा
इन फ़िरक़ा परस्तों से बचाना या रब
मज़हब के लिए पस्तनिगाही तौबा।