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पकौड़ी की कहानी / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

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दौड़ी-दौड़ी
आई पकौड़ी

छुन-छुन छुन-छुन
तेल में नाची,
प्लेट में आ
शरमाई पकौड़ी।

दौड़ी-दौड़ी
आई पकौड़ी।

हाथ से उछली
मुह में पहुँची,
पेट में जा
घबराई पकौड़ी।

दौड़ी-दौड़ी
आई पकौड़ी।

मेरे मन को
भाई पकौड़ी।