भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पगडंडी सड़क / हरिवंशराय बच्चन
Kavita Kosh से
पहले यहाँ एक पगडंडी थी
जो शहर से गाँव को जाती थी;
अब यहाँ पर एक सड़क है
जो गावँ से शहर को आती है;
और देखते ही देखते
दुनिया बदल जाती है।