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पच्छाण / सुरेश स्नेही
Kavita Kosh से
खाण-पीण मा रस्याण
अर मिट्ठू बोन्नू बच्याण
अपड़ा माटै की मट्याण
यच्च मेरा गौं-गौळै पच्छाण।
भूयां मकौ डिसाण
ठण्ड्यूं मा डिकाण
चुळै खान्द्यू सिर्वाण,
यच्च मेरा गौं-गौळै पच्छाण।
घ्यू-दूद मा मख्याण
दाल-भातै जल्याण
सपोड़ा-सपोड़िकि खाण
यच्च मेरा गौं-गौळै पच्छाण।
ग्यों-जौ कि नवाण
घस्या चैक-खल्याण
मयालु मनखि पराण
यच्च मेरा गौं-गौळै पच्छाण।
खटै मा खट्याण
माच्छों की मच्छल्याण
धै लगैकि भट्याण
यच्च मेरा गौं-गौळै पच्छाण।
दाना-सयाणा सजाण
द्यो-देवतों का निसाण
ढोल-दमों मा मण्डाण
यच्च मेरा गौं-गौळै पच्छाण।