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पड़ोसी / कजाल अहमद / जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी
Kavita Kosh से
तुम हो
एक फल काटने वाले
चाक़ू की तरह
ऐसा कोई समय नहीं
जब तुम
हमारे खाने की मेज़ पे न हो
किन्तु मुझे माफ़ करना
अगर मै कहूँ
तुम केवल समय की बरबादी हो ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी
लीजिए, अब इसी कविता को अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Kajal Ahmad